Russia Ukraine War: विवाद के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में हुई तीव्र बढ़ोत्तरी, जानें खबरें |

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Russia Ukraine War आज दुनिया भर में रूस और यूक्रेन के विवादों की चर्चा हो रही है। रूस और यूक्रेन विवाद के कारण सभी देशों की अर्थव्यवस्था परेशान है। इन दोनों देशों की विवादों के कारण आज कई देश संघर्ष करता नजर आ रहा है। कई देशों के लोग वहां फंसे हुए हैं जो अपने देश लौटना चाहते हैं। जहां कई देशों में विदेशी मुद्रा का स्तर गिरता जा रहा है, वहीं भारत के विदेशी मुद्रा के भंडार तेजी से बढ़ रहे हैं। इस सप्ताह के खत्म होते ही भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार का स्तर 2.762 अरब डॉलर के साथ बढ़कर 632.95 अरब डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा आस्तियों और आरक्षित गोल्ड रिजर्व के मूल्य में वृद्धि के कारण हुई है।

विदेशी मुद्रा के मामले में दुनिया के टॉप 5 देश हैं-

1. चीन – 3.39 ट्रिलियन डॉलर

2. जापान – 1.40 ट्रिलियन डॉलर

3. स्विटरलैंड – 1.10 ट्रिलियन डॉलर

4. रूस – 643,200 बिलियन डॉलर

5. भारत – 632,952 बिलियन डॉलर

 Russia Ukraine War
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आरबीआई ने जारी किया विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े : Ukraine Russia War

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जो भारतीय मुद्राओं का बड़ा स्त्रोत है, उसने यह जानकारी दी कि पिछले हफ्ते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 630.19 अरब डॉलर स्तर पर 1.763 अरब डॉलर की गिरावट से आ गया था। आरबीआई के साप्ताहिक डाटा के मुताबिक विदेशी मुद्रा आस्तियों की बढ़ोतरी के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि हुई है। एफसीए गोल्ड रिजर्व और सारे विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख स्रोत है।

 FCA 1.496 अरब डॉलर से बढ़कर हुई 567.06 अरब डॉलर : Russia Ukraine War

आरबीआई के अनुसार 18 फरवरी 2022 को जो हफ्ता खत्म हुआ, उसमें एफसीए 1.496 अरब डॉलर बढ़कर 567.06 अरब डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाले डॉलर के विदेशी मुद्रा आस्तियों में पौंड, येन और यूरो जैसे गैर अमेरिकी मुद्रा के मूल्य में हुए वृद्धि के प्रभावों को शामिल किया गया है।

गोल्ड रिजर्व में हुई बढ़ोत्तरी :Russia Ukraine World War

18 फरवरी 2022 को जो हफ्ता खत्म हुआ, उसमें गोल्ड रिजर्व में भी इजाफा देखा जा रहा है। बीते हफ्ते सोने का भंडार 1.274 अरब डॉलर बढ़कर 41.509 अरब डॉलर हो गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार 1.1 करोड़ डॉलर घटकर 19.162 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 40 लाख डॉलर बढ़कर 5.221 अरब डॉलर हो गया।

देश के हित में मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार : Russia Ukraine War

जिस देश के पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार होता है, उस देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत मानी जाती है। ऐसा इसलिए है कि यदि दुनिया में कोई दिक्कत आ जाए तो देश को जो भी सामान की जरूरत होती है, उसे वह कई महीनों तक अपने जमा राशि भंडार से मंगा सकता है। दुनिया के  अधिकतर देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को काफी मजबूत बनाना चाहते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में आयात और निर्यात के अलावा विदेशी निवेश से डॉलर और अन्य विदेशी मुद्रा आती है। इसके अलावा भारत के ऐसे कई लोग हैं जो विदेशों में काम करने जाते हैं, उनकी तरफ से जो भी मुद्राएं  भेजी जाती है, वह भी विदेशी मुद्रा का एक बहुत बड़ा स्रोत माना जाता है।

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