अब क्या होगा
केंद्रीय बैंक ने मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, महाराष्ट्र का लाइसेंस कैंसल कर दिया है। नतीजतन बैंक 16 फरवरी 2022 से कोई बैंकिंग कारोबार नहीं कर पाएगा और इस तत्काल प्रभाव से काम बंद करना होगा। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक (लिक्विडेटर) नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
क्यों किया लाइसेंस रद्द
आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया क्योंकि उसके पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। आरबीआई ने कहा कि अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा और अगर बैंक को अपने बैंकिंग कारोबार को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
क्या पड़ेगा असर
लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप,मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को बिजनेस करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसमें जमा को स्वीकार करना और डिपॉजिट के रीपेमेंट शामिल है। परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी अधिनियम, 196 के प्रावधानों के अधीन जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक लिमिट तक राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
99 फीसदी ग्राहकों को मिलेगा वापस पैसा
बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार 99% से अधिक जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि का पूरा पूरा भुगतान हो जाएगा। आरबीआई ने कहा कि 27 जनवरी 2022 तक डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 की धारा 18 ए के प्रावधानों के तहत कुल बीमित जमा राशि में से 39.95 करोड़ रुपये मंजूर किए थे।
2020 में लगे थे प्रतिबंध
भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर 2020 में मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक से छह महीने तक के लिए निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया था। आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि इसने 17 नवंबर, 2020 को कारोबार बंद होने से मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, मंथा जिला जालना, महाराष्ट्र को कुछ निर्देश जारी किए हैं। कहा गया था कि निर्देशों के अनुसार बैंक लिखित रूप में भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्वानुमति के बिना, किसी भी लोन और एडवांस को मंजूर या रिन्यू नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, धन उधार लेने और नई जमा की स्वीकृति सहित किसी भी दायित्व को वहन नहीं करेगा, किसी भी भुगतान के लिए सहमत नहीं होगा।