ISMC कर्नाटक
ISMC कर्नाटक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर में मैसूर के पास कोचनहल्ली में 3 अरब डॉलर का सेमीकंडक्टर चिप प्लांट बनाया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय सेमीकंडक्टर कंसोर्टियम ISMC ने 1 मई को ये घोषणा की कि वो कर्नाटक में चिप बनाने वाले संयंत्र की स्थापना हेतु $ 3 बिलियन (करीब 23,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेंगे।
आईएसएमसी डिजिटल फैब, सेमीकंडक्टर निर्माण हेतु केंद्र सरकार के 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहन के तीन आवेदकों में से एक ने भारत की पहली और सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई स्थापित के लिए कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए सहमति पेश की है। ISMC कर्नाटक
आईएसएमसी के निर्देशक अजय जालान ने समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर
आईटी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव, बीटी डॉ ईवी रमना रेड्डी और आईएसएमसी के निर्देशक अजय जालान ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए।
वहीं समझौते का स्वागत करते हुए सीएम बोम्मई का कहना था ” यह समझौता ज्ञापन विभिन्न राज्यों के मध्य सेमीकंडक्टर फैब को आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा के बीच एक बेहद अहम समझौता है। ismc semiconductor karnataka
कर्नाटक की समझ से ये महज राजकोषीय प्रोत्साहन नहीं है, असल में देखा गया है कि ये अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की उपलब्धता के साथ ही संचालन में समग्र आसानी भी बेहद महत्वपूर्ण है।”
ISMC के कहने के मुताबिक इज़राइल स्थित टॉवर सेमीकंडक्टर्स के साथ ही प्रौद्योगिकी साझेदारी में 65 एनएम एनालॉग फैब स्थापित करने की योजना है।
ISMC ने कहा है कि सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट से 1,500 से ज्यादा सापेक्ष रूप से रोजगार और 10,000 इनडायरेक्ट रोजगार पैदा होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
ISMC ने मसूर जिले के कोचनहल्ली औद्योगिक क्षेत्र में 150 एकड़ की मांग रखी है। वहीं सितंबर 2020 में, कर्नाटक सरकार की ओर से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) क्षेत्र के लिए एक और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए ऐसे कई प्रोत्साहनों की घोषणा भी की गई है।
आपको बता दें कि घोषित प्रोत्साहनों में केवल बेंगलुरु शहरी और बेंगलुरु ग्रामीण जिलों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भूमि पर 25% सब्सिडी और संयंत्र तथा मशीनरी पर 20% सब्सिडी भी शामिल है।
राष्ट्रीय हिस्सेदारी में कर्नाटक ने दिया महत्वपूर्ण योगदान
ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश करने हेतु ध्यान आकर्षित करने के लिए कर्नाटक सरकार के जरिए प्रोत्साहन किया गया।
कर्नाटक 300 से ज्यादा अधिक इकाइयों का निर्यात उन्मुक्त विनिर्माण इकाइयों का घर माना जा रहा है। वहीं ये भारत में सबसे बड़े चिप डिजाइन का हब भी है, जिसके तहत करीब 85 फैबलेस चिप डिजाइन हाउस भी शामिल हैं
और इसके साथ ही ये भारत में एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों का अग्रणी उत्पादक भी माना जाता है। राष्ट्रीय हिस्सेदारी का जिक्र करें तो कर्नाटक का योगदान इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद कंपनियों में ~ 50% है और वहीं इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन में 40% है।
कर्नाटक में ईएसडीएम पारिस्थितिकी तंत्र के हिस्से के तौर पर क्वालकॉम, सीमेंस, विस्ट्रॉन, सैमसंग, एटी एंड एस, एएमडी, एनवीआईडीआईए, इंटेल, सिस्को जैसी कई बड़ी कंपनियां हैं।
कर्नाटक सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना के लिए की पार्सल की पहचान
कर्नाटक सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना हेतु मैसूर जिले में कोचनहल्ली औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही धारवाड़ जिले में कोटूर-बेलूर इंडस्ट्रियल एरिया नामक 2 प्रमुख भूमि पार्सल की पहचान की थी।
कर्नाटक सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना के लिए मैसूर जिले में कोचनहल्ली औद्योगिक क्षेत्र और धारवाड़ जिले में कोटूर-बेलूर औद्योगिक क्षेत्र नामक 2 प्रमुख भूमि पार्सल की पहचान की।
सेमीकंडक्टर से जुड़े कारोबार में शामिल हुई कई बड़ी कंपनियां
बेंगलुरु से करीब 146 किमी की दूरी पर स्थित, मैसूरु में सेमीकंडक्टर्स के असेंबली टेस्टिंग मार्किंग और पैकेजिंग
एटीएमपी) में सम्मिलित कंपनियों की बेहद महत्वपूर्ण कर्नाटक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण
रूप से उपस्थिति दर्ज है। बता दें कि सेमी कंडक्टर से जुड़े कारोबार में प्रमुख कंपनियों में एटी एंड एस, कायन्स आदि को शामिल किया गया है।
मैसूरु जिले में एक मॉडर्न आईएसओ 17025 2017 एनएबीएल मान्यता प्राप्त परीक्षण और प्रमाणन की सुविधा के लिए “लाहिरी” है जो कि क्षेत्रीय इलेक्ट्रॉनिक उद्योग की परीक्षण, गुणवत्ता और नियामक संबंधी आवश्यक जरूरतों को पूरा करती है।
कर्नाटक सरकार कोचनहल्ली में इंडस्ट्रियल क्षेत्र का विस्तार करने की पूरी प्रक्रिया में है, जो कि कडकोला में आगामी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर) के पास ही स्थित है।
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