क्या होता है फायदा
इस योजना के जरिये किसी कंपनी में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के पीएफ का भुगतान सरकार करती है। इसके अलावा कंपनी की ओर से पीएफ में जो योगदान दिया जाता है उस राशि का भुगतान भी सरकार की तरफ से ही किया जाता है। इससे कर्मचारी और कंपनी दोनों को फायदा होता है। सरकार से पीएफ का पैसा 2 साल तक मिलता है। यानी नौकरी लगने के 24 महीनों तक फायदा मिलता है।
कौन ले सकता है फायदा
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का फायदा हर किसी को नहीं मिलता। बल्कि इसका फायदा केवल उन्हीं कर्मचारियों को दिया जाता है, जिनका मासिक वेतन 15 हजार रुपये मासिक से कम हो। ध्यान रहे कि कर्मचारी का वेतन 15 हजार रु से अधिक हो जाए तो पीएफ खाते में सरकार की ओर से जमा किया जाने वाला पैसा रोक दिया जाएगा। वहीं एक नियम यह है कि जिस कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 1,000 से कम होगी, उसे ही योजना का लाभ मिलेगा।
लाखों को मिला फायदा
आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत 46.89 लाख लोगों को फायदा मिला है। इस योजना का उद्देश्य महामारी के बीच रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना था। हाल ही में राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्रम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा था कि 29 जनवरी 2022 तक 1.26 लाख कंपनियों के माध्यम से 46.89 लाख लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिया गया है।
कब हुई शुरुआत
आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना को 1 अक्टूबर 2020 से आत्मानिर्भर भारत पैकेज 3.0 के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था, ताकि सामाजिक सुरक्षा लाभ और कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार के नुकसान को पूरा करने के साथ साथ नए रोजगार के सृजन के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सके। योजना की अंतिम तिथि लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए 30 जून, 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दी गई है।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना
एक अन्य लिखित उत्तर में मंत्री ने सदन को बताया था कि अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत 82,724 क्लेम प्राप्त हुए और इनमें से 7 फरवरी 2022 तक 61,314 क्लेम को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि इन लाभार्थियों को 81.46 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। एबीवीकेवाई के तहत, जिसे कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के जरिए लागू किया गया है, बेरोजगारी लाभ, कुछ शर्तों के अधीन, उन बीमाकृत श्रमिकों को भुगतान किया जाता है जो अपनी नौकरी खो देते हैं। इसके तहत बेरोजगारी लाभ को औसत दैनिक कमाई के 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है, जो 90 दिनों तक देय है। यह योजना 1 जुलाई 2018 को लागू हुई और 1 जुलाई 2020 से दो बार 30 जून, 2021 तक और फिर 1 जुलाई 2021 से 30 जून, 2022 तक के लिए बढ़ाई गई।