पॉलिसीधारकों के लिए शेयर आरक्षित
आम तौर पर हर आईपीओ में शेयरों का कुछ कुछ हिस्सा खास निवेशकों के लिए आरक्षित रहता है। एलआईसी के आईपीओ में जितने शेयर बेचे जाएंगे, उसमें से 10 फीसदी शेयर इसके पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होंगे। बताते चलें कि छह दशक पुरानी दिग्गज कंपनी एलआईसी की 2,000 से अधिक शाखाएं हैं और 100,000 से अधिक कर्मचारी हैं। इसने लगभग 28.6 करोड़ पॉलिसियां बेची हैं, जिसमें लगभग 530 अरब डॉलर की संपत्ति है।
सबसे बड़े संस्थागत निवेशकों में से एक
एलआईसी देश के सबसे बड़े संस्थागत निवेशकों में से एक है। इसने अकेले ही 39.49 ट्रिलियन (लाख करोड़) रुपये से अधिक का निवेश किया है। इसमें से 9.78 ट्रिलियन रुपये इक्विटी में निवेश किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश निफ्टी 200 और बीएसई 200 सूचकांकों की कंपनियों में हैं। बाजार नियामक सेबी के पास दाखिल किए आवेदन जिसे ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) कहा जाता है, में कहा गया है कि सरकार एलआईसी के आईपीओ के जरिए 10 रुपये फेस वैल्यू के 316,249,885 इक्विटी शेयर बेचने की सोच रही है।
कितनी है एलआईसी की वैल्यू : Lic Ipo
डीआरएचपी के अनुसार 31 सितंबर 2022 तक एलआईसी की एम्बेडेड मूल्य 5.39 लाख करोड़ रुपये है। इस बंपर आईपीओ से जुटाई गई सारी रकम सरकार के पास जाएगी। एलआईसी को फंड में से कुछ नहीं मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी उपलब्ध शेयर ऑफर फॉर सेल के जरिए बेचे जाएंगे। इसमें इक्विटी का कोई नया इश्यू नहीं होगा। केंद्र सरकार के लिए यह आईपीओ महत्वपूर्ण है।
क्यों है आईपीओ अहम
सरकार अपने 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रही है। सरकार का पहला लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये का था। मगर इसे संशोधित किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक सरकार ने विनिवेश से केवल 12,000 करोड़ रुपये ही जुटाए हैं। भारत का सबसे बड़ा आईपीओ अभी तक पेटीएम (वन97 कम्युनिकेशंस) का रहा है। उसका आईपीओ 18,300 करोड़ रुपये का था। उसकी वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपये रही। मगर आईपीओ के बाद से पेटीएम के शेयर करीब 58 फीसदी लुढ़क चुके हैं।
शेयरों पर मिलेगा डिस्काउंट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आईपीओ में पॉलिसीधारकों को छूट के साथ शेयर बेचे जा सकते हैं। जी हां, एलआईसी आईपीओ में कंपनी के पॉलिसीधारकों को छूट पर शेयर दिए जा सकते हैं। एलआईसी आगामी आईपीओ में अपने पॉलिसीधारकों को 5 फीसदी की छूट पर शेयर दे सकती है। एलआईसी के आईपीओ में रिटेल निवेशकों और कर्मचारियों को भी प्राइस बैंड में कुछ रियायत दी सकती है। मगर पॉलिसीधारकों को डबल फायदा होगा। एक तो शेयरों के आरक्षण का और दूसरा शेयरों पर छूट का।