सरकार के पास जाएगा पैसा
आईपीओ के जरिए एलआईसी के सरकार 10 रुपये फेस वैल्यू के 316,249,885 इक्विटी शेयर बेचना चाहती है। एलआईसी के आईपीओ के मार्च में चालू वित्त वर्ष के अंत से पहले बाजार में आने की उम्मीद है। एलआईसी की एम्बेडेड वैल्यू एक हफ्ते पहले 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा तय की गई थी। एलआईसी के शेयरों की बिक्री की आय भारत सरकार को जाएगी और बीमा कंपनी को ऑल-ओएफएस आईपीओ से कोई पैसा नहीं मिलेगा, क्योंकि इक्विटी शेयरों का कोई नया इश्यू नहीं होगा।
सरकार का विनिवेश टार्गेट
एलआईसी का आईपीओ सरकार को अपने संशोधित विनिवेश लक्ष्य 78,000 करोड़ रुपये तक पहुँचने में मदद कर सकता है, जो 1.75 लाख करोड़ रुपये के पहले के लक्ष्य से काफी कम है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक सरकार विनिवेश से 12,000 करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही है। भारत सरकार के पास वर्तमान में एलआईसी में 100% हिस्सेदारी है। एलआईसी एक सरकारी बीमा कंपनी है, जो बाजार हिस्सेदारी के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करती है।
शेयर होंगे आरक्षित
एलआईसी के आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए 50% फीसदी शेयर आरक्षित होंगे, आईपीओ का 15% हिस्सा गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) के लिए आरक्षित होगा। इसके पब्लिक इश्यू का 35 फीसदी रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा। सरकारी बीमा कंपनी के पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों के लिए भी एलआईसी के आईपीओ में शेयर आरक्षित होंगे। एलआईसी के पब्लिक इश्यू पर सालों से काम चल रहा है।
कुछ जानकारी है बाकी
एलआईसी का आईपीओ दलाल स्ट्रीट पर कब पहुंचेगा, इश्यू में शेयरों की कीमत, पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों को मिलने वाली छूट और कुल इश्यू साइज के बारे में डीआरएचपी में डिटेल नहीं दी गयी है।
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पॉलिसीधारकों के लिए सस्ते शेयर
एलआईसी के आईपीओ में इसके पॉलिसीधारकों के लिए शेयरों का एक हिस्सा आरक्षित रहेगा। अनुमान है कि एलआईसी के आईपीओ में इसके पॉलिसीधारकों के लिए 10 फीसदी शेयर आरक्षित रहेंगे। इसके पॉलिसीधारकों को एक और फायदा मिल सकता है। दरअसल आईपीओ में पॉलिसीधारकों को छूट के साथ शेयर बेचे जा सकते हैं। जी हां एलआईसी आईपीओ में कंपनी के पॉलिसीधारकों को छूट पर शेयर दिए जा सकते हैं। एलआईसी आगामी आईपीओ में अपने पॉलिसीधारकों को 5 फीसदी की छूट पर शेयर दे सकती है। एलआईसी के आईपीओ में रिटेल निवेशकों और कर्मचारियों को भी प्राइस बैंड में कुछ रियायत दी सकती है। पिछले हफ्ते निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने संकेत दिया था कि सरकारी बीमा कंपनी इस सप्ताह अपना डीआरएचपी दाखिल कर सकती है।