क्रिप्टो इंडस्ट्री के Polygon द्वारा की जा रही है नए रेगुलेटर की मांग, क्रिप्टो के नियमों को न मानने पर होगी 7 साल की सजा

Polygon क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी करेंसी है, जिसमें कुछ पैसे का ही इन्वेस्ट कर आप अच्छा खासा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

Polygon द्वारा कहा गया कि क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए यह बेहद जरूरी हो गया है कि एक नया रेगुलेटर बनाया जाए। संदीप जो कि Polygon blockchain के कोफाउंडर हैं, उनके द्वारा

बताया गया कि क्रिप्टो इंडस्ट्री की निगरानी जांच पड़ताल और इसे अधिक विकास की ओर ले जाने के लिए रेगुलेटरी संस्था बनाना अत्यधिक जरूरी है।

आगे उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इसमें भारतीय रिजर्व बैंक, वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल के रिप्रेजेंटेटिव को भी इंवॉल्व करना चाहिए।

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क्रिप्टो करेंसी द्वारा अन्य संस्थानों की मदद :

जैसा कि हम जानते हैं ब्लॉकचेन इंडस्ट्री ने Web3 और क्रिप्टो करेंसी से संबंधित सेगमेंट्स की मदद की है। संदीप द्वारा कहा गया था

कि वित्त मंत्री को लीड करने वाले कार्य दल, इंडस्ट्री से संबंधित लोगों के साथ मिलकर इससे जुड़े विषयों पर बातचीत और विचार किया जाना चाहिए।

संदीप के हवाले देते हुए कोइंडेस्क द्वारा बताया गया कि इस कार्य दल अर्थात टास्क फोर्स को लीड वित्त मंत्री द्वारा ही करंट किया जाना चाहिए।

सिक्योरिटी और फाइनेंशियल एक्सपर्ट के साथ बातचीत करने का मिलेगा मौका :

इसके अलावा अन्य संस्थानों को स्पष्ट सूचना दिया जाना चाहिए कि कृपया इससे संबंधित चाहे कोई भी मामले क्यों ना हों,

उससे निपटने के लिए क्रिप्टो टास्क फोर्स की मदद लेनी ही होगी। जानकारी के लिए बता दें कि रेगुलेटर होने से यह फायदा होगा

कि ब्लॉकचेन शाम को आने वाली सभी योजनाओं के संबंध में सिक्योरिटी और फाइनेंशियल एक्सपर्ट के साथ बातचीत करने का मौका मिलेगा और उस कानून के अनुसार वह आगे उन्नति के बारे में सोच सकेंगी।

Polygon क्रिप्टो करेंसी ऑफिस की बढ़ रही है मांग :

फिलहाल रेगुलेटरी की किसी भी प्रकार से स्थिति स्पष्ट और दृश्यमान नहीं है। यही कारण है कि कई भारतीय डेवलपर्स की

तरफ से रेगुलेटर क्रिएट करने के बाद भी देश में Polygon का कोई भी ऑफिस उपलब्ध नहीं है। फिलहाल हमारे देश में क्रिप्टो करेंसी के संबंध में किसी भी प्रकार के कानून को लागू नहीं किया गया है।

क्रिप्टो के नियमों को ना मानने पर हो सकती है 7 साल की सज़ा

बता दें यह बात अलग है कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने हाल में ही सभी डिजिटल ऐसेट्स को टैक्स की सीमा तक पहुंचा दिया गया है। क्रिप्टो ट्रेडिंग से जितनी भी प्रॉफिट ट्रेडर्स को प्राप्त होगी,

उसका 30 परसेंट टैक्स के रूप में चुकाना पड़ेगा। साथ ही साथ हर एक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन में 1% का कर कटौती भी लागू किया जा चुका है, जिसके द्वारा भी इन नियमों का पालन नहीं किया जाएगा।

इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि उसके साथ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। ऐसी बात सामने आई है कि कानून के अनुसार यदि कोई क्रिप्टो के नियमों को नहीं मानता है तो

उसे 7 साल तक की कैद हो जाएगी। 

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भारतीय उपमहाद्वीप के लोग उठा रहे हैं क्रिप्टोकरंसी का लाभ :

भारत में रहने वाले ऐसे 10 करोड़ से भी ज्यादा लोग हैं जिनके पास क्रिप्टोकरेंसीज उपलब्ध है। देखा जाए तो यह भारत की कुल पापुलेशन का 7% से भी अधिक है।

हालांकि सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा यह साफ कह दिया गया है कि क्रिप्टो इंडस्ट्री से संबंधित सभी लोगों को किसी भी प्रकार से टैक्स में कोई डिस्काउंट या प्रॉफिट देने की बात नहीं हो रही है

और ना ही इस पर भारत सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। इन लोगों के द्वारा क्रिप्टो से संबंधित इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक रुपयों का खर्च किया जा सकता है। 

लोगों ने लगाई सरकार द्वारा टैक्स में कटौती की गुहार :

हालांकि सरकार के इस बात के कारण क्रिप्टो इंडस्ट्री बहुत ही नाराज नजर आ रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि क्रिप्टो माइनिंग में कई ऐसी चीजों का इस्तेमाल होता है,

जो काफी महंगी है। माइनिंग में इस्तेमाल होने वाले सभी चीजें बहुत ही महंगे दामों पर मिलती है और इसके साथ ही अत्यधिक टैक्स देना इन्हें बहुत ही महंगा पड़ सकता है।

इसलिए क्रिप्टो करेंसी के लोग भी यह चाहते हैं कि टैक्स में कुछ कटौती सरकार के द्वारा की जाए।

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